भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को ऑक्सफोर्ड के कोरोना वायरस वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल (चिकित्सकीय परीक्षण) फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी है। डीसीजीआई ने सीरम इंस्टीट्यूट को कोविड-19 वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण के लिए हरी झंडी दे दी है। सीरम इंस्टीट्यूट भारत में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैक्सीन को ब्रिटेन की एस्ट्रेजेनिका के साथ तैयार कर रही है।
भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) डॉ.वीजी सोमानी ने मंगलवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके का उम्मीदवारों पर क्लीनिकल ट्रायल (चिकित्सकीय परीक्षण) फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी। एस्ट्रेजेनिका की तरफ से ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन के ट्रायल पर रोक लगाने के बाद भारत में भी इस वैक्सीन को तैयार कर रही सीरम इंस्टीट्यूट ने इसके ट्रायल को रोक दिया था।
डीसीजीआई ने दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण के लिए किसी भी उम्मीदवर को चुनने को रोकने वाले अपने पहले के आदेश को रद्द कर दिया। हालांकि, डीसीजीआई ने इसके लिए जांच के दौरान अतिरिक्त ध्यान देने समेत अन्य कई शर्ते रखी हैं। एसआईआई से डीजीसीआई ने विपरित परिस्थतियों से निपटने में नियम के अनुसार तय इलाज की भी जानकारी जमा करने को कहा है।
Drugs Controller General of India (DCGI) Dr V G Somani gives permission to Serum Institute of India to resume clinical trial of the Oxford COVID-19 vaccine candidate in the country while revoking its earlier order of suspending any new recruitment for phase two and three trial— Press Trust of India (@PTI_News) September 15, 2020
इससे पहले 11 सितंबर को डीसीजीआई ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को निर्देश दिया था कि कोविड-19 के संभावित टीके के चिकित्सकीय परीक्षण पर रोक लगाई जाए क्योंकि दिग्गज दवा कंपनी एस्ट्राजेनिका ने अध्ययन में शामिल हुए एक व्यक्ति के 'तबीयत खराब' होने के बाद अन्य देशों में परीक्षण रोक दिया था।
दरअसल, ब्रिटेन की दवा निर्माता कंपनी ने ट्रायल के दौरान मरीजों में से एक को हुई बीमारी को देखते हुए वैक्सीन के ट्रायल पर 8 सितंबर को रोक लगा दी थी। भारत में दूसरे चरण के 26 अगस्त से शुरू हुए परीक्षण में 100 लोगों में से पुणे के भारतीय विद्यापीठ मेडिकल कॉलेज के 34 लोगों को यह वैक्सीन दी गई थी। इनमें से किसी को भी स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या पैदा नहीं हुई।
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