असम में गोमांस को लेकर भाजपा नेता और राज्य के वन मंत्री के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। भाजपा नेता सत्य रंजन ने गुवाहाटी के चिड़ियाघर में रह रहे जानवरों को गोमांस खिलाने के खिलाफ आवाज उठाई तो राज्य के वन मंत्री परिमल सुकलाबैद्य ने इसका पलटवार किया है।
Their demand is fair up to an extent, that our cattle population should increase. But if we've to keep our wildlife alive & healthy, we'll have to provide them food as per their diet chart: Parimal Suklabaidya, Assam Minister of Environment & Forest (13.10.2020) https://t.co/WsuARKGbps
— ANI (@ANI) October 14, 2020
राज्य वन मंत्री ने कहा कि चिड़ियाघर में रहने वाले जानवर केवल सुअर का मांस और मटन पर जीवित नहीं रह सकते, हम उन्हें गोमांस की जगह भैंस का मांस भी दे सकते हैं लेकिन असम में पर्याप्त मात्रा में भैंस नहीं है। हम गोमांस, भैंस का मांस, मटन और सुअर के मांस के लिए टेंडर जारी किया है।
राज्य के वन मंत्री ने कहा कि उन्होंने इस सिलसिले में कुछ वैज्ञानिकों से बातचीत की है कि क्या जानवरों को गाय के मांस के अलावा कोई और मांस दिया जा सकता है और अगर हां, तो इसकी संभावना और परिणाम क्या होंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले पर ज्यादा हंगामा खड़ा करने की कोई जरूरत नहीं है।
राज्य वन मंत्री ने कहा कि भाजपा नेता की मांग एक हद तक ठीक है लेकिन हमें हमारे जंगली जानवरों को भी जिंदा रखना है, हमें जानवरों को उनके डाइट चार्ट के मुताबिक खाना देना होगा। बता दें कि मंगलवार को भाजपा नेता सत्य रंजन ने जानवरों को गोमांस देने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।
इसके अलावा कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने गाय का मांस ना खिलाने की अपील की और कहा कि अगर असम सरकार और चिड़ियाघर प्रशासन इस बात को नहीं मानते हैं तो इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे। सत्य रंजन ने कहा कि चिड़ियाघर में जानवरों को सांभर हिरणों का मांस परोसा जा सकता है।
वहीं इस पर वन अधिकारी तेजस मरिस्वामी का कहना है कि चिड़ियाघर के जानवरों को मांसाहारी जानवरों का मांस नहीं परोसा जाता। साथ ही सांभर हिरण एक जंगली जानवर है, और उन्हें नहीं मारा जा सकता।
असम के पर्यावरण और वन मंत्री अपने डिमांड पर अड़े है
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